वो बुलंदियाँ किस काम की दोस्तो,
कि इंसान चढ़े…
और .इंसानियत उतर जाये…!!
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जख़्म हल्का सा है नासूर हो जायेगा,
ना जाने कौन कितना मजबूर हो जायेगा,
कीमत समझो बूंद बूंद पानी की,
वर्ना देश का कोना कोना “लातूर” हो जायेगा…!!
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शब्द मुफ्त में मिलते है, लेकिन…
उनके चयन पर निर्भर करता है कि,
उसकी कीमत मिलेगी,
या चुकानी पड़ेगी…!!
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गरीब बाँट लेते है ईमानदारी से अपना हिस्सा,
अमीरी अक्सर इंसान को बेईमान बना देती है…!!
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श्रवण कुमार जैसे बेटे को चाहने वाली पत्नी,
अपने पति को कभी श्रवण कुमार नहीं बनने देती,
है न आश्चर्य…!!http://www.whatsappshayari.com
