फूलों की तरह जीना चाहा था हमने,
लोगों ने सच में ही तोड़ कर रख दिया…!!
—————————————————–
हम फिर उनके रूठ जाने पर फ़िदा होने लगे,
फिर हमे प्यार आ गया जब वो ख़फ़ा होने लगे।
—————————————————–
ताला लगा दिया दिल को,
अब तेरे बिन किसी का अरमान नहीं,
बंद होकर फिर खुल जाए,
ये कोई दुकान नहीं…!!
—————————————————–
अदाकारी ज़रा सी जेब में रखकर सफ़र करना,
अभी इस ज़िंदगी में और भी किरदार जीने हैं…!!
—————————————————–
सोच रहा हूँ ख़त लिखने की लेकिन क्या पैग़ाम लिखूँ,
तुझ बिन काटी रात लिखूँ,
या साथ गुज़ारी शाम लिखूँ…!!http://www.whatsappshayari.com
