समझ में नहीं आता, वफा करें तो किससे करें, मिट्टी से बने लोग, काग़ज़ के टुकडों पे बिक जाते हैं…!! ————————————————– कैसे करुं भरोसा गैरों के प्यार पर, अपने ही मजा लेते हैं अपनों की हार पर…!! ————————————————– इतने बुरे तो न थे जितने इलज़ाम लगाये लोगो ने, कुछ मुक्क़दर बुरे थे कुछ आग लगाई लोगों ने…!! ————————————————– नफरतों के […]