होती है लाखों ग़मों की दवा नींद भी मगर,
होते है कुछ ग़म ऐसे भी जो सोने नहीं देते…!!
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रोज मिलते है लेकिन कुछ कहते सुनते नहीं,
मेरे सामने वो सिर्फ मेरी धड़कन बढ़ाने आते है…!!
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लिख तो दू पुरी किताब, तेरी मासूमियत पर,
मगर ड़र लगता है, कि हर कोई तेरा दीवाना ना हो जाए…!!
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ए खुदा अगर तेरे पेन की श्याही खत्म है तो मेरा लहू लेले,
मगर यू कहानिया अधूरी न लिखा कर…!!
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तुम आओगे भी अब लौटकर तो तुम्हे क्या हासिल होगा,
जो मोहब्बत थी हमारे बीच वो फासलो में फ़ना हो गई…!!http://www.whatsappshayari.com
