मेरी इबादतों को ऐसे कबूल कर ऐ मेरे खुदा,
कि सजदे में मैं झुकूं और मुझसे जुड़े हर रिश्ते की ज़िन्दगी संवर जाये…!!
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हम दिल वालों का डर से कोई वास्ता नहीं होता,
हम वहाँ कदम रखते है जहाँ कोई रास्ता नहीं होता…!!
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सुना है काफी पढ़ लिख गई हो तुम,
कभी वो बी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते…!!
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तेरे दर्द की बहुत कडवी है बोली,
मैं अपने आँसुओ से खेलता हु रोज होली…!!
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तेरी रुसवाइयों के डर से हम खामोश है वरना,
लिखने पे जो हम आये तो क़लम से सर क़लम कर दें…!!
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क्या लिखूँ अपनी जिंदगी के बारे में. दोस्तों,
“वो लोग ही बिछड़ गए जो जिंदगी हुआ करते थे”…!!http://www.whatsappshayari.com
