मरते होंगे लाखों तुझ पर,
पर हम तो तेरे साथ मरना चाहते है…!!
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फैसला नही हो पा रहा है साहब..
कि ये रात तन्हा है… या मैं…!!
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कितनी रातों का लहु पी के निखरती है गजल,
कैसे लिखते है हम असर तुझे क्या मालूम…!!
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तुझको लेकर मेरा ख्याल नहीं बदलेगा,
साल बदलेगा, मगर दिल का हाल नहीं बदलेगा…!!
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तुमसे किसने कह दिया कि मुहब्बत की बाजी हार गए हम
अभी तो दाँव मे चलने के लिए मेरी जान बाकी है…!!http://www.whatsappshayari.com
