लोगों की बातें सुनकर मुझे छोड़ जाने वाले,
हम कितने बुरे थे??
तुम पता तो कर लेते…!!
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बिन धागे की सुई सी है ये ज़िंदगी,
सिलती कुछ नहीं,बस चुभती जा रही है…!!
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हर जुर्म पे उठती हैं उँगलियाँ मेरी तरफ,
मेरे सिवा शहर में मासूम हैं सारे…!!
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मेरी मोहब्बत की ना सही, मेरे सलीके की तो दाद दे,
तेरा जिक्र रोज करते हैं तेरा नाम लिए बगैर…!!
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लोग जलते रहे मेरी मुस्कान पर, मैंने दर्द की अपने नुमाईश न की,
जब, जहाँ, जो मिला, अपना लिया, जो न मिला, उसकी ख्वाहिश न की…!!http://www.whatsappshayari.com
