फिर उसने वो भी सुना
जो मैंने कहा ही नहीं !!
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सब तेरी मोहब्बत की इनायत है……….
वरना मैं क्या, मेरा दिल क्या, मेरी शायरी क्या…….
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पनाहों में जो आया हो तो उस पर वार करना क्या
जो दिल हारा हुआ हो उस पर फिर अधिकार करना क्या
मुहब्बत का मज़ा तो डूबने की कश्मकश में है
हो गर मालूम गहराई तो दरिया पार करना क्या
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किसी को अपना बनाना…हुनर ही सही लेकिन…!
किसी का बन के रहन…..कमाल होता है………..!!
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रिश्ते खून के नहीं होते, रिश्ते एहसास के होते हैं;
अगर एहसास हो तो अजनबी भी अपने होते हैं;
और अगर एहसास ना हो तो अपने भी अजनबी हो जाते हैं।
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