बस एक भूलने का हुनर ही तो नहीं आता ..
वरना भूलना तो हम भी बहुत कुछ चाहते है….!!!
ये मत समझ तेरे काबिल नहीं है हम…||
तड़प रही है वो अब भी जिसे हासिल नहीं हैं हम ….!!
उम्र कैद की तरह होते हे कुछ रिश्ते ,,
जहा जमानत देकर भी रिहाई मुमकिन नही…!!
मुझसे मत पुछा कर ठिकाना मेरा, तुझ में ही लापता हूँ कही,
शरीफ तो हम यू ही बनते है, ताली तो हमारी गाली पे भी बजती हैं…!!
वो मेरे दिल पर सिर रखकर सोई थी बेखबर;
हमने धड़कन ही रोक ली कि कहीं उसकी नींद ना टूट जाए।http://www.whatsappshayari.com